रबीन्द्रनाथ टैगोर के अनमोल विचार — Rabindranath Tagore Quotes in Hindi

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Rabindranath Tagore Quotes

रवींद्रनाथ टैगोर एक बहुमुखी प्रतिभाशाली इंसान, और एक सफल भारतीय साहित्यकार थे। सफल इसलिए, क्योंकि रवींद्रनाथ टैगोर पहले भारतीय साहित्यकार, या फिर ऐसे पहले भारतीय थे, जिन्होंने नोबेल पुरस्कार जीता। लेकिन वे सिर्फ नोबेल पुरस्कार विजेता के रूप में प्रसिद्ध हुए, ऐसा नही है। जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया, रवींद्रनाथ टैगोर एक बहु-प्रतिभाशाली व्यक्ति थे, उन्होंने कविता, साहित्य, दर्शन सभी क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और उपलब्धियां हासिल की। वे एकमात्र ऐसे कवि थे, जिनकी दो कविताएँ दो देशों का राष्ट्रगान बनीं: "अमर सोनार बांग्ला" बांग्लादेश की, और "जन गण मन" भारत की। रबीन्द्रनाथ टैगोर का पूरा जीवन ही लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। इस लेख में हमने रबीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा कहे गए प्रेरक शब्दों और उद्धरणों का एक संग्रह बनाया है, हमें उम्मीद है कि आपको हमारा ये संग्रह पसंद आएगा।

तो चलिए, अब आपको रबीन्द्रनाथ टैगोर के कुछ ऐसे ही प्रेरणादायक अनमोल विचारों से रूबरू करवाते है –


रबीन्द्रनाथ टैगोर के अनमोल विचार

दुनिया का प्रत्येक बच्चा अपने जन्म के साथ ये संदेश लेकर आता है, कि भगवान अभी भी मनुष्य से निराश नहीं हुआ है। रबीन्द्रनाथ टैगोर

आपकी मूर्ति जब टूट कर धूल में मिल जाती है, तो वह इस बात को साबित करती है, कि ईश्वर की धूल आपकी मूर्ती से महान है। रबीन्द्रनाथ टैगोर

प्रसन्न बने रहना बहुत सरल है, परन्तु सरल बने रहना बहुत कठिन है। रबीन्द्रनाथ टैगोर

आह, तूने मेरे संगीत के अंतहीन जाल में मेरे दिल को बंदी बना दिया, मेरे गुरु। रबीन्द्रनाथ टैगोर

मैंने सपना देखा कि जीवन एक आनंद है। जब मैं जागा तो मैंने पाया कि जीवन सेवा है, किंतु जब मैंने सेवा की तो जाना कि सेवा में ही आनंद है। रबीन्द्रनाथ टैगोर

यदि आप सूरज की रौशनी के जाने पर रोते रहेंगे, तो आपके आँसू आपको सितारों को देखने से भी रोके रहेंगे। रबीन्द्रनाथ टैगोर

हमे खतरों और चुनौतियों से बचने की प्रार्थना नहीं करनी चाहिए, बल्कि निडरता से उनका सामना करना चाहिए। हमे अपने दुख और दर्द दूर करने के लिए नहीं, बल्कि लोगो की सेवा करने के लिए भीख माँगनी चाहिए। रबीन्द्रनाथ टैगोर

आप फूलों को एकत्रित करने के लिए रुको मत। बढ़ते चलो, आगे बढ़ते चलो, तुम्हारी राह में निरंतर ही फूल खिलते रहेंगे। रबीन्द्रनाथ टैगोर

किनारे पर खड़े होकर पानी को देखते रहने से आप समुद्र पार नहीं कर सकते। रबीन्द्रनाथ टैगोर

किसी भी चीज़ को प्राप्त करने के लिए आपको पूरी कीमत चुकानी पड़ती है। रबीन्द्रनाथ टैगोर

चेहरे बहुत हो सकते हैं, पर सच्चाई सिर्फ एक ही होती है। रबीन्द्रनाथ टैगोर

क्योंकि मैं इस जीवन से प्यार करता हूँ, और मुझे मालूम है कि मैं अपनी मौत को भी प्यार करूंगा। जब माँ बच्चे को दाएं स्तन से दूर ले जाती है तो वह रोने लगता है। और दूसरे ही क्षण जब माँ बच्चे को बाईं स्तन की ओर लाती है, तो वह आनंदित हो उठता है। रबीन्द्रनाथ टैगोर

इंसान की रचनात्मक आत्मा की यथार्थ के पुकार के प्रति प्रतिक्रिया ही कला है। रबीन्द्रनाथ टैगोर

पृथ्वी द्वारा स्वर्ग से बोलने का अथक प्रयास हैं ये पेड़। रबीन्द्रनाथ टैगोर

विश्वास उस पक्षी की तरह है — जो प्रकाश को महसूस करता है, और तब गाता है जब शांत अंधेरा हो। रबीन्द्रनाथ टैगोर

हम महानता के करीब तभी आ सकते है, जब हम विनम्रता में महान हों। रबीन्द्रनाथ टैगोर

यदि आप गलतियों के लिए सभी दरवाज़े बंद कर देंगे, तो सत्य बाहर रह जायेगा। रबीन्द्रनाथ टैगोर

हम इस दुनिया को तभी जी पायेंगे, जब हम इस दुनिया से प्रेम करेंगे। रबीन्द्रनाथ टैगोर

प्रेम रुपी उपहार दिया नहीं जा सकता, यह स्वीकार किए जाने की प्रतीक्षा करता है। रबीन्द्रनाथ टैगोर

बर्तन में रखा पानी हमेशा चमकता है, जबकि समुद्र का पानी हमेशा गहरे रंग का होता है। लघु सत्य के शब्द केवल स्पष्ठ होते हैं, जबकि महान सत्य हमेशा मौन रहता है। रबीन्द्रनाथ टैगोर

तितली महीने नहीं बल्कि क्षणों की गिनती करती है, और उसके पास पर्याप्त समय होता है। रबीन्द्रनाथ टैगोर

मिट्टी के बंधन से मुक्ति किसी भी पेड़ के लिए आजादी नहीं हो सकती। रबीन्द्रनाथ टैगोर

ऊँचे स्तर पर पहुँचें, क्योंकि तारे आपके भीतर छिपे हैं। हर सपने के लिए, लक्ष्य से पहले सपने देखें। रबीन्द्रनाथ टैगोर

जब में अपने आप पर हँसता हूँ तो जो मेरे अंदर बोझ है वो कम हो जाता है। रबीन्द्रनाथ टैगोर

जो व्यक्ति अधिकतर चीज़ो पर अपना स्वामित्व रखता है, उसके पास डरने की कई वजह होती हैं। रबीन्द्रनाथ टैगोर

छोटा ज्ञान गिलास में भरे पानी की तरह होता है जो स्पष्ट, पारदर्शी और शुद्ध होता है, जबकि महान ज्ञान समुद्र में भरे पानी की तरह है जो अंधेरा, रहस्यमय, अभेद्य होता है। रबीन्द्रनाथ टैगोर

संगीत द्वारा हम आत्माओं के बीच के अंतर को भर देते हैं। रबीन्द्रनाथ टैगोर

सर्वश्रेठ शिक्षा वो है जो सिर्फ हमें जानकारी ही नहीं देती बल्कि हमारे पूरे जीवन को समस्त अस्तित्व के साथ सद्भाव में लाती है। रबीन्द्रनाथ टैगोर

मनुष्य सुख में शायद भगवान को भूल जाता है और फिर वह अहंकार पाप कर्म की ओर प्रवृत्त होता है । दुख में हम बरबस भगवान को याद करते हैं और वह हमारा वास्तविक अभीष्ट है। रबीन्द्रनाथ टैगोर

जिस देश का आत्माभिमान हमारी शक्ति को बढ़ाता है, वह प्रशंसनीय है। परन्तु जो आत्माभिमान हमें पीछे खींचता है, वह सिर्फ खूंटे से बांधता है, यह धिक्कारनीय है। रबीन्द्रनाथ टैगोर

आस्था उस पक्षी के समान है, जो सुबह अँधेरा होने पर भी उजाले को महसूस करती है। रबीन्द्रनाथ टैगोर

आवश्यकता समाप्त होने के बाद जो वस्तु अवशिष्ट रह जाती है, वही सौंदर्य है। जो हमें प्राप्ति के रूप में मिलता है। रबीन्द्रनाथ टैगोर

जो लोग चुपचाप सब कुछ सहते जाते है, उनके संबंध में यह निश्चित है उन्हें भीतरी से गहरी चोट पहुंची होती है। रबीन्द्रनाथ टैगोर

आपका दिमाग चाकू और ब्लेड की तरह है, यह आपको नुकसान पंहुचा सकता है यदि आप इसका प्रयोग सही नहीं करेंगे। रबीन्द्रनाथ टैगोर

चंद्रमा अपना प्रकाश संपूर्ण आकाश में फैलाता है परंतु अपना कलंक अपने पास ही रखता है। रबीन्द्रनाथ टैगोर

अकेले फूल को कई काँटों से ईर्ष्या करने की जरूरत नहीं होती। रबीन्द्रनाथ टैगोर

सौंदर्य नरक में भी है, पर वहाँ रहने वाले उसकी पहचान नहीं कर पाते यही तो उनकी सबसे बड़ी सजा है। रबीन्द्रनाथ टैगोर

मृत्यु प्रकाश को बुझा नहीं रही है बल्कि यह केवल दीपक को बाहर रख रही है क्योंकि भोर हो गया है। रबीन्द्रनाथ टैगोर

प्रेम एक भावना नहीं है, बल्कि एक वास्तविकता है। यह एक परम सत्य है, जो सृजन के समय से ह्रदय में वास करता है। रबीन्द्रनाथ टैगोर

प्रेम अधिकार का दावा नहीं करता, बल्कि स्वतंत्रता देता है। रबीन्द्रनाथ टैगोर

हमारा प्रत्येक अगला दिन पिछले दिन से बेहतर हो, जिससे हम कुछ नया सीख सके। रबीन्द्रनाथ टैगोर

पंखुरिया तोड़ कर आप फूलो की खूबसूरती को इकट्ठा नहीं कर सकते। रबीन्द्रनाथ टैगोर

मित्रता की गहराई, परिचय की लम्बाई पर निर्भर नहीं करती। रबीन्द्रनाथ टैगोर

कला के माध्यम से कलाकार अपनी वस्तुओ को नहीं, स्वयं को उजागर करता है। रबीन्द्रनाथ टैगोर

परमात्मा की खोज प्रेम से शुरू होती है, प्रेम ही सभी धर्मों का आधार है। रबीन्द्रनाथ टैगोर

जो प्रेम करता हैं, उसे ही दंड देने का अधिकार होना चाहियें। रबीन्द्रनाथ टैगोर

यह केवल सुबह नहीं है, और न हीं इसे कल के नाम के साथ खारिज करो। इसे एक नवजात शिशु की तरह देखो जिसका अभी कोई नाम नहीं है। रबीन्द्रनाथ टैगोर

आयु सोचती है, जवानी करती है। रबीन्द्रनाथ टैगोर

चिड़िया कहती है कि काश मैं बादल होती, और बादल कहता है कि काश मैं चिड़िया होता। रबीन्द्रनाथ टैगोर

हर एक वो कठिनाई जिससे आप बचते हैं, भूत बनकर आपकी नींद में बाधा डालेगी। रबीन्द्रनाथ टैगोर

जो कुछ हमारा है वो हम तक आता है, यदि हम उसे ग्रहण करने की क्षमता रखते हैं। रबीन्द्रनाथ टैगोर

हमारा मन पोथियों के ढेर में और शरीर असबाब से दब गया है, जिससे हमें आत्मा के दरवाजे दिखाई नहीं देते। रबीन्द्रनाथ टैगोर

एक कलाकार प्रकृति का प्रेमी होता है, वो उसका दास भी होता है, और स्वामी भी। रबीन्द्रनाथ टैगोर

वे लोग जो अच्छा करने में बहुत ज्यादा व्यस्त रहते है, वो स्वयं अच्छा बनने के लिये समय ही नहीं निकाल पाते। रबीन्द्रनाथ टैगोर

मंदिर की गंभीर उदासी से बाहर भागकर बच्चे धूल में खेलते हैं, भगवान् उन्हें खेलता देखते हैं और पुजारी को भूल जाता हैं। रबीन्द्रनाथ टैगोर

रबीन्द्रनाथ टैगोर के प्रेरणादायक विचारों का हमारा यह संग्रह आपको कैसा लगा, हमें कमेंट कर अवश्य बताएं। धन्यवाद

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