तन्हाइयों में याद कर उसे मैं आज भी रोता हूं, वो बेवफा किसी और की बाहों और मैं कही और होता हूं !!
एक अरसे बाद लौट कर जो आये थे तुम, चाबियों को ताले में बेअसर तो होना ही था।
मेरी मोहब्बत का सफर नेक था… इसलिए मैं अकेला और सारा जहां एक था।
वो झुमका पहन कर मिलने क्या आई, दिल को बहकने का बहाना मिल गया।
वो लेने आया है अपनी निशानियां वापस, हम भूल गए है कि कूड़ेदान कहां रखा है।
पाकीज़गी किस को रास आती है यहाँ साहब, सब के सब जिस्म के कीचड़ में इश्क़ ढूंढते है।
जो तुम कह दो तो मैं कुर्बान कर दूँ जिंदगी अपनी, मगर एक शर्त है… हर सांस मेंरी तुम खरीदोगे।
खता बस इतनी हुई कि... मैंने रूहानी बनने की कोशिश की और तुमने जिस्मानी।
उड़ने दो मिट्टी को कहाँ तक जाएगी, हवा का साथ छूटेगा फिर जमीं पर आयेगी।
मेरे दिल की तसल्ली के लिए फकत इतना ही काफी है… हवा जो तुम को छूती है… मैं उसमें सांस लेता हूं।
हमारे सामने ही वो करता रहा गैरों की बाते, और हम देखते रह गये खुद को ग़ैर होते हुये।
रोज़ाना मेरे लिए दर्द नया गढ़ रहे हो,,, ये बताओ आजकल किताब कौन सी पढ़ रहे हो।
आज मैं बेसब्र सा हुए जा रहा हूँ ऐ जिन्दगी… कल रात ख्वाब में मौत ने आने का वादा किया है।
रख लो दिल में संभाल कर थोड़ी सी यादें हमारी, रह जाओगे जब तन्हा बहुत काम आयेंगे हम।
जब प्रेम हाथ छुड़ा कर जा रहा हो, तो उसे रोकना नहीं चाहिए, क्योंकि जब वो हाथ छुड़ा रहा होता है, दरसअल प्रेम तो उसके पहले ही जा चुका था।
होश का पानी छिड़को मद़होश की आंखों पर, अपनों से ना उलझो गैरों की बातो पर।
फ़िर वही दिल की गुज़ारिश, फ़िर वही उनका गुरूर, फ़िर वही उनकी शरारत, फ़िर वहीं मेरा कुसूर।
कयामत की फ़कीरी है उसकी सादगी में... वल्लाह इश्क़ भी हमसे पूछकर ही करना चाहते है।
सालों गुजर गये है मगर फिर भी कमाल है, इस दिल में अब तलक जिंदा उसका ख्याल है।
मैं चाहता हूँ तुझे यूँ ही उम्र भर देखूं, कोई तलब ना हो दिल में तेरी तलब के सिवा।
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