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Two Line Sad Shayari |
बहुत थक गया हूं खुदा अजमाईसे दे देकर मोहब्बत की,
कोई तो ऐसा लिख दे किस्मत में जो मौत तक वफा करे..!!
निगाहों से भी चोट लगती है जनाब,
जब कोई देख कर भी अनदेखा कर देता है..!!
काश कि तुझे पाने की दुआएं मैंने दीवारों से मांगी होती,
सुना है उनके कान होते है..!!
किसकी खातिर धड़कता है अब तू ऐ दिल,
अब तो आराम कर, कहानी खत्म हुई..!!
भिंगे कागज़ की तरह निकाल फेंका उन्होंने हमें अपनी ज़िन्दगी से,
ना लिखने के काबिल छोड़ा ना जलाने के..!!
मुझे भी सिखा दो भूल जाने का हुनर,
मैं थक गया हूँ हर लम्हा हर सांस तुम्हें याद करते करते..!!
फ़िक्र तो तेरी आज भी करते है,
ये बात अलग है कि अब जिक्र का हक नही रहा..!!
वफ़ा के वादे सारे भुला गयी एक पल में,
वो मेरे दिल की दीवारें गिरा गई एक पल में..!!
बहुत थे मेरे चाहने वाले भी इस दुनिया में,
फिर इश्क हुआ और हम लावारिस हो गए..!!
वो तो अपनी एक आदत भी ना बदल सकी,
न जाने क्यों मैंने उसके लिए अपनी जिंदगी बदल ली..!!
वाह रे इश्क़ तेरी मासूमियत का भी जवाब नहीं,
हँसा-हँसा कर बर्बाद करता है तू मासूम लोगो की ज़िन्दगी..!!
उमर बीत गई पर एक जरा सी बात न समझ पाए,
हो जाए महोब्बत जिनसे वो कदर क्यूं नहीं करते..!!
न जाने ऐसा कौन सा रिश्ता जुड़ गया है तुमसे,
दर्द कोई भी हो... याद बस तुम्हारी ही आती है..!!
गलतफहमी से भी टूट जाते हैं रिश्ते अक्सर,
कसूर हर बार गल्तियों का नही होता..!!
बेवक्त, बेवजह, बेसबब सी बेरुखी तेरी,
फिर भी बेइंतहा तुझे चाहने की बेबसी मेरी..!!
हम तो बिछड़े थे तुमको अपनी कमी मेहसूस कराने के लिए,
मगर तुमने तो हमारे बिना जीना ही सिख लिया..!!
आज भी प्यारी है मुझे तेरी हर निशानी,
फिर चाहे वो दिल का दर्द हो या आँखो का पानी..!!
ताला लगा दिया हमने अपने दिल को, अब तेरे बिन किसी का अरमान नहीं,
बंद होकर फिर खुल जाए, ये कोई बनिए की दुकान नहीं..!!
जुनून, हौसला, और पागलपन आज भी वही है,
हमने तुझे पाने की चाहत छोड़ी है चाहना नहीं..!!
रुकी-रुकी सी लग रही है नब्ज-ए-हयात,
जब से तुम उठ के गए हो सिरहाने से मेरे..!!
ना प्यार कम हुआ है, और ना ही प्यार का एहसास,
बस अब तुम्हारे बिना जिन्दगी गुजारने की आदत हो गई है..!!
तेरी जगह आज भी सलामत है इस दिल में,
पता नहीं वजह तेरी खूबी है, या मेरी कमी..!!
मुश्किल भी तुम हो, मुश्किल का हल भी तुम हो,
पल-पल होती है जो सीने में, वो हलचल भी तुम हो..!!
बड़े शौक से बनाया था उन्होंने मेरे दिल मे घर अपना,
मगर जब रहने की बारी आई तो ठिकाना बदल दिया..!!
इश्क का धंधा ही बंद कर दिया हमने साहेब,
मुनाफे में जेब जले और घाटे में दिल..!!
चुपचाप गुज़ार देगें तेरे बिना भी ये ज़िन्दगी,
लोगो को सिखा देगें मोहब्बत ऐसे भी होती है..!!
दिल में तो तुम मेरे आज भी हो,
ये बात और है कि किस्मत दग़ा कर गयी..!!
मोहब्बत भी अब समझदार हो गयी है,
हैसियत देख कर ही आगे बढ़ती है..!!
दिलों में खोट है और ज़ुबां से प्यार करते है,
बहुत से लोग है दुनिया में, जो यही व्यापार करते है..!!
जो हुआ करता था मेरे मुस्कुराने की वजह कभी,
आज उसी ने मेरी पलकों को भिगो दिया..!!
मजबूर ना करेंगे तुझे तेरे किए वादे निभाने को,
बस तू एक बार वापस आजा अपनी यादें ले जाने को..!!
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