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दोस्तों, बॉलीवुड में बहुत सी ऐसी फिल्में बनाई गई हैं, जो दोस्ती पर आधारित हैं। उनमें से कुछ वाकई में अद्भुत हैं। इन फिल्मों के अभिनेताओं ने अपने किरदार को ऑडियंस के मन में हमेशा हमेशा के लिए अमर कर दिया है। आज हम आपको बॉलीवुड की उन टॉप 3 फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो दोस्ती पर आधारित बॉलीवुड की सर्वश्रेष्ठ फिल्में हैं।
हमारी सूची में हमने पहला स्थान दिया हैं, फिल्म "Dosti" को
"दोस्ती" एक भारतीय ब्लैक-एंड-व्हाइट फ़िल्म है। जिसे सत्येन बोस द्वारा निर्देशित किया गया, तथा ताराचंद बड़जात्या द्वारा उनके प्रोडक्शन राजश्री बैनर के तले निर्मित किया है। इस फिल्म की कहानी दो लड़कों (एक अंधे और एक लंगड़े) की दोस्ती पर आधारित है। कहानी कुछ इस तरह है, कि रामू नाम का एक लड़का जो बहुत गरीब परिवार से है, एक दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बाद अपंग हो जाता है। अपने माता-पिता की मृत्यु के बाद उसे उसके घर से निकाल दिया जाता हैं। घर से निकाले जाने के बाद रामू सड़कों पे भटकने और भीख मांगने के लिए मजबूर हो जाता है। रामू हारमोनियम बजाने में अच्छा था, इसलिए वह सड़कों और फुटपाथ पर हारमोनियम बजाकर अपना गुजर वसर करने लगा। इसी दौरान मुंबई की सड़कों पर उसकी मुलाकात मोहन से होती है, जो गायन में बहुत अच्छा था। पहली मुलाकात में ही वो एक-दूसरे से काफी प्रभावित होते हैं, और उनमें बहुत अच्छी दोस्ती हो जाती हैं। उसके बाद दोनों एक साथ गाना गाकर पैसे कमाना शुरू करते है।
लेकिन इसके बाद आगे चलकर उन्हें अपने जीवन में बहुत उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा, तथा अनेकों कठिनाइयों से गुजरना पड़ा। इन सब के बावजूद भी उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी, और अपनी दोस्ती को बरकरार रखा।
इन दोनों लड़कों के संघर्ष की कहानी ही इस फिल्म के पटकथा को मजबूत करती है। और यही वजह है कि दर्शकों को आज भी इस फिल्म को देखना बहुत पसंद है।
इसलिए दोस्तों, यदि आप दोस्ती आधारित फिल्म की तलाश में हैं, तो हम आपको "Dosti" फिल्म देखने की सलाह देंगे।
हमारी सूची में दूसरा नाम है फिल्म "शोले"
दोस्तों, हमने दोस्ती पर आधारित फिल्मों की सूची में दूसरा स्थान फिल्म "शोले" को दिया हैं, जिसे सन् 1975 में रिलीज़ किया गया था। यह फिल्म सलीम जावेद द्वारा निर्देशित है, जिसका निर्देशन रमेश सिप्पी ने किया हैं। और इसका निर्माण उनके पिता जी.पी. सिप्पी द्वारा किया गया है।
फिल्म शोले 1975 में रिलीज़ हुई थी, जो दोस्ती पर आधारित है। इस फिल्म के मुख्य अभिनेता धर्मेन्द्र और अमिताभ बच्चन है, जो इस फिल्म के किरदार "जय" "वीरू" के माध्यम से दर्शकों के मन में अपनी छाप छोड़ने में वास्तव में सफल रहे। इस फिल्म में धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन ने अपने किरदार को इतना बखूबी निभाया, कि वो हमेशा-हमेशा के लिए दर्शकों के दिमाग में अमर हो गए।
हमारी सूची में तीसरी फिल्म हैं "3 इडियट्स"
"3 इडियट्स" भारतीय हिंदी भाषा में कॉमेडी, राजकुमार हिरानी द्वारा सह-लिखित और निर्देशित ड्रामा फिल्म है। आमिर खान, आर. माधवन, शरमन जोशी अभिनीत यह फिल्म, एक भारतीय इंजीनियरिंग कॉलेज में तीन छात्रों की दोस्ती का अनुसरण करती है, जो भारतीय शिक्षा प्रणाली के तहत एक सामाजिक दबावों के बारे में एक व्यंग्य करती है। फिल्म को समानांतर नाटकों के माध्यम से, वर्तमान में एक और पिछले दस वर्षों में सुनाया गया है।
यह फिल्म विधुत विनोद चोपड़ा के बैनर तले विधुत विनोद चोपड़ा द्वारा ही निर्मित किया गया है। 3 इडियट्स को 25 दिसंबर, 2009 को रिलीज़ होने के बाद व्यापक रूप से महत्वपूर्ण और व्यावसायिक सफलता मिली। फिल्म भारत में अपने शुरुआती सप्ताहांत में सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म थी। उस समय इस फिल्म ने शुरुआती दिनों में सबसे अधिक कमाई करने का कीर्तिमान बनाया था।
फिल्म ने छह फिल्मफेयर पुरस्कार जीते, जिनमें सर्वश्रेष्ठ फिल्म ऑफ द इयर, और तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार शामिल हैं।
इस फिल्म के माध्यम से, फिल्म के निर्देशक ने दर्शकों को एक बहुत अच्छा संदेश देने की कोशिश की है, खासकर उन माता-पिताओं को जो अपने सपनों को पूरा करने की धुन में अपने बच्चों पर बहुत दबाव डालते हैं। और नतीजतन, बच्चे कभी-कभी बहुत उदास हो जाते हैं और सुसाइड तक कर लेते हैं।
फिल्म के दूसरे भाग में, निर्देशक ने राजू, रैंचो, फरहान और पिया के बीच केमिस्ट्री को बहुत अच्छी तरह से फिल्माया है। जहां तीनों की दोस्ती और रैंचो और पिया के बीच प्यार को इतने अच्छे तरीके से फिल्माया गया है, कि दर्शकों का पलक तक नहीं झपकता। इसलिए अगर आपने अभी तक यह फिल्म नहीं देखी है, तो हम आपको इस फ्रेंडशिप डे पर यह फिल्म देखने का सुझाव देंगे।
निष्कर्ष: ऊपर की लेख में हमने दोस्ती पर आधारित 3 सर्वश्रेष्ठ फिल्मों के बारे में आपको बताया है। हमें आशा है कि आपको ये फिल्में जरूर पसंद आएगी।
फिल्म शोले और और 3 इडियट्स की कुछ प्रसिद्ध डायलॉग्स
Yahan Se Pachas-pachas Kos Dur
Yahan Se 50-50 Kos Dur Gaon Me Jab Baccha Raat Ko Rota Hai, to Maa Kehti Hai Bete So Jaa… So Ja Nahi to Gabbar Aa Jayega.
यहां से 50-50 कोष दूर गांव में जब बच्चा रात को रोता है, तो मां कहती है बेटे सो जा... सो जा नहीं तो गब्बर आ जाएगा।
Ye Hath Humko Dede Thakur
Ye Hath Humko Dede Thakur.
ये हाथ हमको देदे ठाकुर।
Waqt Ki Yari to Har Koi Karta Hai
Waqt Ki Yari to Har Koi Karta Hai Mere Dost, Maja to Tab Hai Jab Waqt Badal Jaaye... Par Yaar Na Badle.
वक्त की यारी तो हर कोई करता है मेरे दोस्त, मजा तो तब है जब वक्त बदल जाए... पर यार ना बदले।
Aadhe Idhar Jao... Aadhe Udhar Jao
Aadhe Idhar Jao... Aadhe Udhar Jao… Aur Baki Mere Sath Aao.
आधे इधर जाओ... आधे उधर जाओ… और बाकी मेरे साथ आओ।
Kabil Hone Ke Liye Padho
Kamyab Hone Ke Liye Nahin… Kabil Hone Ke Liye Padho
कामयाब होने के लिए नहीं… काबिल होने के लिए पढ़ो।
Dost Fail Ho Jaye to Dukh Hota Hai
Dost Fail Ho Jaye to Dukh Hota Hai, Lekin Agar Dost First Aa Jaaye to Jyada Dukh Hota Hai.
दोस्त फेल हो जाए तो दुख होता है, लेकिन अगर दोस्त फर्स्ट आ जाए तो ज्यादा दुख होता है।
Bachcha Kabil Bano… Kabil
Bachcha Kabil Bano… Kabil, Kamyabi to Sali Jhak Maar Ke Piche Aaegi
बच्चा काबिल बनो... काबिल, कामयाबी तो साली झक मार के पीछे आएगी।
Donon Tang Turwa Ke
Donon Tang Turwa Ke Apne Pairon Par Khada Hona Sikha Hai.
दोनों टांगे तुरबा के अपने पैरों पर खड़ा होना सीखा है।
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