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राहत इंदौरी शायरी |
Jung Ho Ya Ishq Ho Bharpur Hona Chahiye
फैसला जो कुछ भी हो, हमें मंजूर होना चाहिए, जंग हो या इश्क हो, भरपूर होना चाहिए, भूलना भी हैं जरुरी याद रखने के लिए, पास रहना है तो थोड़ा दूर होना चाहिए..!!
_______राहत इंदौरी
Aisi Sardi Hai Ki Suraj Bhi Duhai Mange
ऐसी सर्दी है कि सूरत भी दुहाई मांगे, जो हो परदेस में वह किसी रजाई मांगे..!!
_______राहत इंदौरी
Chalte Firte Hue Mehtab Dikhayenge Tumhe
चलते फिरते हुए महताब दिखाएंगे तुम्हें, हमसे मिलना कभी... पंजाब दिखाएंगे तुम्हें, चांद हर छत पर है, सूरज है हर आंगन में, नींद से जागो तो कुछ ख्वाब दिखाएंगे तुम्हें, पूछते क्या हो कि रुमाल के पीछे क्या है, फिर किसी रोज ये सैलाब दिखाएंगे तुम्हें..!!
_______राहत इंदौरी
Bulati Hai Magar Jaane Ka Nahi
बुलाती है मगर जाने का नहीं, ये दुनिया है इधर जाने का नहीं, मेरे बेटे किसी से इश्क़ कर, मगर हद से गुज़र जाने का नहीं, ज़मीं भी सर पे रखनी हो तो रखो, चले हो तो ठहर जाने का नहीं, सितारे नोच कर ले जाऊंगा, मैं खाली हाथ घर जाने का नहीं, वबा फैली हुई है हर तरफ, अभी माहौल मर जाने का नहीं, वो गर्दन नापता है नाप ले, मगर जालिम से डर जाने का नहीं..!!
_______राहत इंदौरी
Isase Pahle Ki Hawa Shor Machane Lage
इस से पहले की हवा शोर मचाने लग जाए, मेरे “अल्लाह” मेरी ख़ाक ठिकाने लग जाए, घेरे रहते हैं खाली ख्वाब मेरी आँखों को, काश कुछ देर मुझे नींद भी आने लग जाए, साल भर ईद का रास्ता नहीं देखा जाता, वो गले मुझ से किसी और बहाने लग जाए..!!
_______राहत इंदौरी
Ye Hadsa to Kisi Din Gujarne Wala Tha
ये हादसा तो किसी दिन गुजरने वाला था, मैं बच भी जाता तो मरने वाला था, मेरा नसीब मेरे हाथ कट गए, वरना मैं तेरी मांग में सिन्दूर भरने वाला था..!!
_______राहत इंदौरी
Aaj Dil Khol Ke Pee Jaaye
दोस्ती जब किसी से की जाये, दुश्मनों की भी राय ली जाए, बोतलें खोल के तो पि बरसों, आज दिल खोल के पि जाए..!!
_______राहत इंदौरी
Teri Har Baat Mohabbat Mein Gawara Karke
तेरी हर बात मोहब्बत में गँवारा करके, दिल के बाज़ार में बैठे हैं खसारा करके, मैंं वो दरिया हूँ कि हर बूंद भंवर है जिसकी, तुमनेे अच्छा ही किया मुझसे किनारा करके..!!
_______राहत इंदौरी
Mujhe Vah Chhod Gaya Yah Kamal Hai Uska
कहीं अकेले में मिल कर झिंझोड़ दूँगा उसे, जहाँ जहाँ से वो टूटा है जोड़ दूँगा उसे, मुझे वो छोड़ गया ये कमाल है उस का, इरादा मैंने किया था कि छोड़ दूँगा उसे, बदन चुरा के वो चलता है मुझ से शीशा-बदन, उसे ये डर है कि मैं तोड़ फोड़ दूँगा उसे, पसीने बाँटता फिरता है हर तरफ़ सूरज, कभी जो हाथ लगा तो निचोड़ दूँगा उसे, मज़ा चखा के ही माना हूँ मैं भी दुनिया को, समझ रही थी कि ऐसे ही छोड़ दूँगा उसे..!!
_______राहत इंदौरी
Aasman Laye Ho... Le Aao, Zameen Pe Rakh Do
मेरे हुजरे में नहीं और कही पर रख दो, आसमा लाये हो ले आओ जमी पर रख दो, अब कहा ढूंढने जाओगे हमारे कातिल, आप तो क़त्ल का इल्जाम हमी पर रख दो, उसने जिस ताख पर कुछ टूटे दिए रखे है, चाँद तारो को भी ले जाके वही पर रख दो..!!
_______राहत इंदौरी
Is Duniya Ne Meri Wafa Ka Kitna Uncha Mol Diya Hai
इस दुनिया ने मेरी वफ़ा का कितना ऊँचा मोल दिया, बातों के तेजाब में मेरे मन का अमृत घोल दिया, जब भी कोई इनाम मिला हैं मेरा नाम तक भूल गए, जब भी कोई इलज़ाम लगा हैं मुझ पर लाकर ढोल दिया..!!
_______राहत इंदौरी
Main Apni Khushk Aankhon Se Lahu Chalka Diya
मैंने अपनी खुश्क आँखों से लहू छलका दिया, इक समंदर कह रहा था मुझको पानी चाहिए..!!
_______राहत इंदौरी
Ham Chirago Ka Bhi Utna Hi Yadav Karte Hain
काम सब गैरज़रुरी हैं जो सब करते हैं, और हम कुछ नहीं करते हैं गजब करते हैं, आप की नज़रों में सूरज की हैं जितनी अजमत, हम चरागों का भी उतना ही अदब करते हैं..!!
_______राहत इंदौरी
Chehron Ke Liye Aaina Kurban Kiye Hain
चेहरों के लिए आईने कुर्बान किये हैं, इस शौक में अपने बड़े नुकसान किये हैं, महफ़िल में मुझे गालियाँ देकर है बहुत खुश, जिस शख्स पर मैंने बड़े एहसान किये है..!!
_______राहत इंदौरी
Main Nur Ban Ke Jamane Mein Fail Jaunga
लवे दीयों को हवा में उछालते रहना, गुलो के रंग पे तेजाब डालते रहना, मैं नूर बन के ज़माने में फ़ैल जाऊँगा, तुम आफताब में कीड़े निकालते रहना..!!
_______राहत इंदौरी
Ham Apni Jaan Ke Dushman Ko Apni Jaan Kahate Hain
हम अपनी जान के दुश्मन को अपनी जान कहते हैं, मोहब्बत की इसी मिट्टी को हिन्दुस्तान कहते हैं, जो दुनिया में सुनाई दे उसे कहते हैं खामोशी, जो आंखों में दिखाई दे उसे तूफान कहते हैं..!!
_______राहत इंदौरी
Zuba to Khol, Nazar to Mila, Jawab to De
जुबा तो खोल... नज़र तो मिला... जवाब तो दे, मैं कितनी बार लुटा हुं मुझे हिसाब तो दे, तेरे बदन की लिखावट में हैं उतार चढाव, मैं तुझको कैसे पढूंगा... मुझे किताब तो दे..!!
_______राहत इंदौरी
Main Aa Gaya Hoon Bata Intezaam Kya Kya Hai
गुलाब, ख्वाब, दवा, ज़हर, जाम क्या क्या हैं, मैं आ गया हु बता इंतज़ाम क्या क्या हैं, फ़क़ीर, शाह, कलंदर, इमाम क्या क्या हैं, तुझे पता नहीं तेरा गुलाम क्या क्या हैं..!!
_______राहत इंदौरी
Full is Bar Khile Hain Badi Taiyari Se
जा के कोई कह दे शोलों से चिंगारी से, फूल इस बार खिले हैं बड़ी तैयारी से, बादशाहों से भी फेके हुए सिक्के ना लिए, हमने खैरात भी मांगी है तो खुद्दारी से..!!
_______राहत इंदौरी
Ye Kuchh Log Farishton Se Bane Firte Hain
ये सहारा जो न हो तो परेशां हो जाए, मुश्किलें जान ही लेले अगर आसान हो जाए, ये कुछ लोग फरिस्तों से बने फिरते हैं, मेरे हत्थे कभी चढ़ जाये तो इन्सां हो जाए..!!
_______राहत इंदौरी
Safar Ki Hai Wahan Tak, Ki Kuch Nishan Rahe
सफ़र की हद है वहां तक की कुछ निशान रहे, चले चलो की जहाँ तक ये आसमान रहे, ये क्या उठाये कदम और आ गयी मंजिल, मज़ा तो तब है के पैरों में कुछ थकान रहे..!!
_______राहत इंदौरी
Yah Kainchiyan Hamen Udane Se Khak Rokegi
कभी महक की तरह हम गुलों से उड़ते हैं, कभी धुएं की तरह पर्वतों से उड़ते हैं, ये कैचियाँ हमें उड़ने से खाक रोकेंगी की हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं..!!
_______राहत इंदौरी
Roj Taron Ko Numais Me Khalan Padta Hain
रोज़ तारों को नुमाइश में खलल पड़ता हैं, चाँद पागल हैं अन्धेरें में निकल पड़ता हैं, उसकी याद आई हैं सांसों, जरा धीरे चलो, धडकनों से भी इबादत में खलल पड़ता हैं..!!
_______राहत इंदौरी
Log Har Mod Pe Ruk Ruk Ke Sambhalte Kyon Hain
लोग हर मोड़ पे रुक रुक के संभलते क्यों हैं, इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यों हैं, मोड़ होता हैं जवानी का संभलने के लिए, और सब लोग यही आके फिसलते क्यों हैं..!!
_______राहत इंदौरी
Shakhon Se Toot Jaye Wo Patte Nahin Hai Hum
सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहें, जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें, शाखों से टूट जाए वो पत्ते नहीं हैं हम, आंधी से कोई कह दे की औकात में रहें..!!
_______राहत इंदौरी
Ishq Khata Hai, to Ye Khata Ek Bar Nahin Sau Bar Karo
तुफानो से आँख मिलाओ, सैलाबों पे वार करो, मल्लाहो का चक्कर छोड़ो, तैर कर दरिया पार करो, फूलो की दुकाने खोलो, खुशबु का व्यापार करो, इश्क खता हैं, तो ये खता एक बार नहीं, सौ बार करो..!!
_______राहत इंदौरी
Dilon Mein Aag Labon Pe Gulab Rakhte Hain
दिलों में आग, लबों पर गुलाब रखते हैं, सब अपने चहेरों पर दोहरी नकाब रखते हैं, हमें चराग समझ कर बूझा ना पाओगे, हम अपने घर में कई आफ़ताब रखते हैं..!!
_______राहत इंदौरी
Agar Khilaf Hai Hone Do, Jaan Thodi Hain
अगर खिलाफ है होने दो जान थोड़ी है, ये सब धुँआ है कोई आसमान थोड़ी है, लगेगी आग तो आएंगे घर कई ज़द में, यहाँ पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है, हमारे मुह से जो निकले वही सदाकत है, हमारे मुंह में तुम्हारी जबान थोड़ी है, मैं जानता हूँ कि दुश्मन भी कम नहीं है, लेकिन हमारी तरह हथेली पे जान थोड़ी है, आज शाहिबे मसनद है कल नहीं होंगे, किरायेदार है जात्ती मकान थोड़ी है, सभी का खून है शामिल इस मिट्टी में, किसे के बाप का हिन्दुस्तान थोड़ी है..!!
_______राहत इंदौरी
Mujhme Kitne Raaz Hai Bataon Kya
मुझमे कितने राज़ हैं बतलाऊं क्या, बन्द एक मुद्दत से हूं खुल जाऊं क्या, आजिजी, मिन्नत, ख़ुशामद, इल्तिजा, और मैं क्या क्या करूँ मर जाऊं क्या, कल यहां मैं था जहां तुम आज हो, मैं तुम्हारी ही तरह इतराऊं क्या, तेरे जलसे में तेरा परचम लिए, सैकड़ों लाशें भी हैं गिनवाऊं क्या, एक पत्थर है वो मेरी राह का, गर न ठुकराऊं तो ठोकर खाऊं क्या, फिर जगाया तूने सोये शेर को, फिर वही लहजा दराज़ी… आऊं क्या..!!
_______राहत इंदौरी
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