![]() |
Best Hindi Love Shayari |
लो... बिखरा दी झुल्फ़े मैंने रुखसार पर अपने, नज़्म को अपनी… अब मुकम्मल तुम कर 'लो।
तुमसे मोहब्बत के वो ज़माने नहीं रहे, हम भी पहले से वो दीवाने नहीं रहे।
तुम आते कब हो और जाते कब हो समझ नही पाती हूँ मैं, तुमसे करती हूँ मोहब्बत अब होश संभाल नही पाती हूँ मैं, तुम मेरे लिए जरूरी हो ये बात भूला नही पाती हूँ मैं, मैं सिर्फ तुम्हारी हूँ, ये सच छुपा नही पाती हूँ मैं।
उफ्फ... ये खूबसूरत आंखें हसीन चेहरा, पड़ेगा इसका असर मेरे दिल पे गहरा।
मोहब्बत तेरी सूरत से नही तेरे किरदार से हैं, शौक—ऐ—हूस्न होता तो बाजार चले जाते।
हर प्यार में एक एहसास होता हैं, हर काम का एक अंदाज होता हैं, जब तक ना लगे बेवफाई की ठोकर, हर किसी को अपनी पसंद पे नाज़ होता हैं।
जिनकी आपको कदर नहीं… यकीन मानिए... कुछ लोग उन्हें दुआओं में मांग रहे हैं।
देखा हैं हमने भी आज़मा कर, दे जाते हैं धोखा लोग करीब आकर, कहती हैं दुनिया मगर दिल नही मानता, क्या आप भी भुल जाओगे हमें अपना बना कर।
वफ़ा का दरिया कभी रुकता नही, इश्क़ में प्रेमी कभी झुकता नही, खामोश हैं हम किसी के खुशी के लिए, ना सोचो के हमारा दिल दुःखता नहीं।
ये इश्क, प्यार, मोहब्बत शौक अमीरो के हैं साहब, हम गरीब तो केवल खेलने के काम आते हैं इनके।
इश्क़ जबरदस्ती नही… जबरदस्त होना चाहिए।
हमसे क्यो पूछते हो सुकून क्या होता हैं, हम तो अपना सुकून भी उनके नाम कर बैठे हैं।
क्या गिला करें उन बातों से, क्या शिक़वा करें उन रातों से, कहें भला किसकी खता इसे हम, कोई खेल गया फिर से हमारे जज़्बातों से।
दिल की हसरत मेरी ज़ुबान पे आने लगी, तुमने देखा और ये ज़िन्दगी मुस्कुराने लगी, ये इश्क़ की इन्तहा थी या दीवानगी मेरी, हर सूरत में मुझे तेरी सूरत नज़र आने लगी।
रुला जातें है अक्सर टूटे ख़्वाब मुझको, इश्क के वो सपने अब सुहाने नहीं लगते।
हमने लाख समझाया कि यूं ना मिलो गैरों से, वो हंस के कहने लगे तुम भी तो पहले गैर थे।
इस बहते दर्द को मत रोको ये तो सजा हैं, किसी के इंतज़ार की, लोग इन्हे आंसू कहे या दीवानगी, पर ये तो निशानी हैं किसी के प्यार की।
हम ने चलना छोड़ दिया अब उन राहों में, टूटे वादों के टुकड़े चुभते है अब पांवो में।
खुद को समेट के तेरी यादो में, निखर जाते हैं हम, फिर याद आती हैं तेरी रुसवाई, और किस्तो में बिखर जाते हैं हम।
किताबो की अहमियत अपनी जगह हैं जनाब, सबक वही याद रहता हैं जो वक्त और लोग सिखाते हैं।
हमारे लिए उनके दिल में कभी चाहत ना थी, किसी ख़ुशी में कभी कोई दावत ना थी, मैंने दिल उनके कदमो में रख दिया, पर उनको ज़मीन पर देखने कि आदत ना थी।
तेरी हर बात मुझे अपने तरफ खिंचती क्यूँ हैं, तू क्या हैं, कौन हैं, मेरे लिए इतना जरूरी क्यूँ हैं, मेरे साथ—साथ तू साये की तरह क्यूँ हैं, अगर ऐसा ही हैं तो फिर तू मुझसे इतना दूर होके भी पास क्यू हैं।
मुझे ख़ुद पर इतना तो यक़ीन हैं कि रोयेगा वो सख़्श मुझे वापस पाने के लिये।
इससे पहले कि तुझे और सहारा ना मिले, मैं तेरे साथ हूँ जब तक मेरे जैसा ना मिले।
कितनी बेचैनियाँ हैं ज़हन में तुझे लेकर, पर तुझ-सा सुकून भी और कहीं नहीं।
रूठ जाने के बाद गलती किसी की भी हो... बात शुरू वहीं करता हैं,,, जो बेपनाह मोहब्बत करता हैं।
कितना नादान है ये दिल समझ कर भी समझता ही नहीं, मरता भी तो उसी पर है, जो इसे कुछ..समझता नहीं।
ये तेरी बेफिक्री मुझे फिक्र में डाला करती है, कि तेरा चुप रहना न जाने मुझसे कई सवाल करती हैं।
तक़दीर लिखने वाले एक एहसान करदे, मेरे दोस्त की तक़दीर में एक और मुस्कान लिख दे, न मिले कभी दर्द उसको, तू चाहे गर तो उसकी किस्मत में मेरी जान लिख दे।
जिंदगी वहीं हैं जो हम आज जी रहे हैं… कल जो जिएंगे
वो उम्मीद होगी।
किसी का साथ पाना भी कभी आसान नही होता, किसी के दूर जाने से ये दिल वीरान नही होता, वजह कुछ और भी मिल जाती है दुनिया मे जीने को, किसी के आस पर जीना भी तो आसान नही होता।
मेरी मोहब्बत पर आज कल उसकी तवज्जू बहुत हैं, उसके आ कर चले जाने पर मुझे ताज़्जुब बहुत हैं, जी भर के आजमा लो मगर एहसासों का खयाल रखना, इन दिनों इस दिल के हालात नाज़ुक बहुत हैं।
ऐसा नहीं है कि उनसे मुंह मोड़ लिया मैंने, बस जो समझना नहीं चाहते, उन्हें समझाना छोड़ दिया मैंने।
चेहरे से हसिन तो बहुत से मिल जाते हैं, मगर जिनके दिल खूबसूरत हो ऐसे लोग सिर्फ,,,, किस्मत से ही मिला करते हैं।
ख्वाब झूठे ही सही, मग़र तुमसे मुलाकात तो करवाते हैं।
आंसू पौछकर हंसाया हैं मुझे, मेरी गलती पर भी सीने से लगाया हैं मुझे, कैसे प्यार न हो ऐसे दोस्त से जिसकी दोस्ती ने जीना सिखाया हैं मुझे।
जज़्बात वहीं जाहिर करो जहां उसकी कद्र हो, बाकी दुनिया वालो को तो आंखो से बहता हुआ आंसु भी पानी लगता हैं।
अपने वजूद पर भरोसा रखो, लोग क्या सोचते हैं उससे फर्क नही पड़ता।
कह दो ना इस दर्द को, तुम्हारी तरह बन जाये, ना मुझे याद करें, और ना मेरे करीब आये।
कभी हमसे भी दो पल की मुलाकात कर लिया करो… क्या पता आज हम तरस रहे हैं… कल तुम ढुढते फिरो।
जिंदगी में अच्छे बुरे बहुत लोग मिलते हैं, मगर इनमें वो चंद होते हैं जिन्हें देखकर दिल खिलते हैं।
न जाने क्यों आज अपना ही घर मुझे अनजान सा लगता हैं, तेरे जाने के बाद ये घर—घर नहीं खाली सा मकान लगता हैं।
दिल के जज्बातों को मार के आया हूं मैं अभी, इश्क के जुनून को भी उतार के आया हूं मैं अभी, अब करो तो सिर्फ शराब की बात करना यारो, एक तरफा मोहब्बत हार के आया हूं मैं अभी।
ये मेरे हकीम इलाज कर इन आँखों का… इसे कुछ दिखता ही नहीं, ये जो देख ले उन्हे एक नज़र।
लफ्जों से इतना आशिकाना ठीक नहीं हैं ज़नाब, किसी के दिल के पार हुए तो इल्जाम क़त्ल का लगेगा।
हमेशा से तो नहीं रहा होगा तू भी सख़्त दिल… तेरी भी मासूमियत से ज़रूर किसी ने खेला होगा।
झांकने की सब से बेहतरीन जगह गिरेबान हैं, रहने की बेहतरीन जगह अपनी औकात हैं।
करनी हो पहचान अगर गमगीन शख्स की, दोस्तों गौर से देखना वो मुस्कुराते बहुत हैं।
दिल भर गया हो तो मना करने में डर कैसा, मोहब्बत में बेवफाओं पर मुकदमा कहां होता हैं।
ख़ुदा तूने तो लाखो की तकदीर संवारी हैं, मुझे दिलासा तो दे की अब तेरी बारी हैं।
जो मोहब्बत पर खुब लिखते हैं, वो मोहब्बत करना छोड़ चुके होते हैं।
दुख इस बात का नही कि तुम बदल गए, बस हैरानी इस बात की हैं कि... तुम भी बदल गए।
अलविदा कहते हुए जब हमने कुछ निशानी मांगी, वो मुस्करा के बोली जुदाई काफी नहीं हैं क्या।
मैंने तुझे हर शहर में ढूंढ़ा, अब तु मुझे मेरी शायरी में ढूढ़ लेना।
उसके हाथ की गिरफ़्त ढीली पड़ी तो महसूस हुआ मुझे कि… शायद ये वही जगह हैं जहां रास्ते बदलने है।
कभी हुआ जो उससे सामना तो कह देंगे, मोहब्बत में जो हार जाते हैं, वो मर नहीं जाते।
तेरे दीदार का नशा भी अजीब हैं, तू ना दिखे तो दिल तड़पता हैं, और जो तू दिखे तो... नशा और चढता हैं।
मोहब्बत दस्तक दे रही है, जुबां से बोल दूँ या तुम शायरी में समझ लोगे।
बेपनाह मोहब्बत का आखिरी पड़ाव, एक लम्बी सी ख़ामोशी।
खामोशी जुर्म हैं इस दौर में बोलना सीखो… वरना मिट जाओगे हालात के तुफानो में।
दिल आने की बात हैं यारो, अपने बस की बात कहां, प्यार अगर हो पत्थर से, फिर हीरे की औकात कहाँ।
मेरी मंजिल मेरी हद बस तुमसे तुम तक, फक्र ये कि तुम मेरे हो... फ़िक्र ये हैं कि कब तक।
मैं भी देखूंगा आसमान से उतरा वो फरिश्ता, वक़्त मिला तो तुम्हारे शौहर से मुलाकात करुंगा।
ठुकरा दी मैंने जिल्लत भरी खुशियाँ,,, इज्जत से गर गम मिले तो वही कुबूल हैं।
झूठे हैं वो लोग, जो कहते हैं हम सब मिट्टी से बने हैं, मैं कई अपनों से वाक़िफ़ हूँ… जो पत्थर के बने हैं।
अगर दुनिया की सारी खुशियां मेरे पास हो, पर तुम ना हो तो सब फीका हैं, पर अगर तुम साथ हो तो फिर सब कुछ की जरूरत ही क्या हैं।
मुझे उसकी ये नादान अदा खूब भाती हैं, नाराज़ मुझसे होती हैं, और गुस्सा सबको दिखाती हैं।
अपील करें, वकील करें, दलील करें, कुछ भी करें, अगर मशला दिल का हैं तो... फैसला उम्र कैद ही समझें।
उस प्यार का किस्सा क्या लिखना अब, एक बैठक थी जो अब बर्खास्त हुई।
मोहब्बत वक़्त के बे—रहम तूफान से नही डरती, उससे कहना बिछड़ने से मोहब्बत तो नही मरती।
सारी दुनिया की मोहब्बत से किनारा करके, मुर्शिद हमने खुद को रखा हैं तुम्हारा करके।
सब में कुछ ना कुछ कमिया होती है, मुझमें भी हैं... तेरी कमी।
आओ कभी शराब बनकर, मुझे घुलना हैं तुममें पानी की तरह।
मैं उसकी जिंदगी में सिर्फ रास्ते का एक पेड़ था, जहाँ उसने बैठकर अपनी थकान उतारी थी।
तेरी मर्ज़ी से ढल जाऊ हर बार ये मुमकिन नही, मेरी भी अपनी वजूद है, मैं कोई नहीं नहीं।
दुआ दिल से माँगी जाती हैं ज़ुबान से नहीं, कबूल तो उनकी भी होती हैं जिनकी ज़ुबान नहीं।
दिल की खामोशी से साँसो के ठहर जाने तक, मुझे याद आएगा वो शख्स, मेरे मर जाने तक।
जाओ मुर्शिद तुम्हे इजाज़त हैं, रूको, जाते जाते सब दरवाज़े बंद कर जाना।
दिल में प्यार का आगाज हुआ करता हैं, बातें करने का अंदाज हुआ करता हैं, जब तक दिल को ठोकर नहीं लगती, सबको अपने प्यार पर नाज हुआ करता हैं।
हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते… वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते।
मैं हकीकत सा नामंजूर… तुम किसी अधूरे सपने की
उम्मीद प्रिये।
तेरा शौक बन गया हैं अपनी मर्ज़ी से बात करना, अपनी आदतें बदल ले... मेरे बदलने से पहले।
काश… कि वो अपने बच्चों को बताती, ये पागल आदमी मुझपे शायरी करता हैं।
बहुत तक़लीफ़ होती हैं तुम्हारा नाम जो सुन लूँ, मुझे गैरों के मुँह से तुम कभी अच्छे नही लगते।
ये किस मोड़ पर तुम्हे बिछड़ने की सूझी… मुद्दतों के बाद तो संवरने लगे थे हम।
मत आओ पास मेरे मुझसे दूर होने के लिए… वक्त बदलेगा… तुम बदलोगे... हम तो मारे जाएंगे।
हाथ बेशक छूट गया… वजूद उसकी उंगलियों में फंसा रह गया।
कहते है की पत्थर दिल रोया नहीं करते, तो फिर पहाड़ो से ही झरने क्यों बहा करते हैं।
शर्म उन्हे आती हैं जो शर्म से शर्माते हैं, हम तो बेशर्म हैं शाला शर्म... खुद हम से शर्माती हैं।
उसने एक बार भी नही सोचा रिश्ता तोड़ने से पहले, मैं वर्षों यही सोचता रहा।
तेरे प्यार का सिला हर हाल मे देंगे, खुदा भी माँगे यह दिल तो टाल देंगे, अगर दिल ने कहा तुम बेवफा हो, तो इस दिल को भी सिने से निकाल देंगे।
ज़िन्दगी में सारा झगड़ा ख़्वाहिशों का ही हैं, न तो किसी को ग़म चाहिए, और न किसी को कम चाहिये।
न झुकने का शौक हैं न झुकाने का शौक है… बस कुछ एहसास दिल से जुड़े हैं… उन्हें निभाने का शौक हैं।
उन्हें जाना था, हमने जाने दिया, इस से ज्यादा वफा हम क्या करते।
जो बीत गया सो बीत गया… आने वाला सुनहरा कल हैं वो, मैं कैसे भुला दूँ दिल से उसे… मेरी हर मुश्किल का हल हैं वो।
हमारा नाम इतना भी कमजोर नही हैं कि, दो चार कुत्तों के भौंकने से बदनाम हो जाये।
इश्क़ के मायने आपसे ही सीखे हैं मैंने, अब आपसे बेपनाह मोहब्बत ना हो तो क्या हो।
कैसे हो जाऊँ मैं तुम से जुदा, धडकन के बग़ैर भी कोई जिन्दा रह सकता हैं भला।
तुम न पूछो तो भी बता देंगे… इश्क़ तुम से हैं तो छिपाना क्या।
अच्छे लोगों की एक खूबी ये भी होती हैं कि, उन्हें याद रखना नहीं पड़ता, वो खुद याद रह जाते हैं।
कह दो हर वो बात जो जरुरी हैं कहना, क्योंकि कभी—कभी जिन्दगी भी… बेवक्त पूरी हो जाती हैं।
मैं बहुत हो सकता हूँ… तुम अगर 'ज़रा' सा मुझे मिल जाओ।
आज भी चाँद को देखकर मुझे अक्सर तेरी याद आ आती हैं, ख्वाब में अब भी तेरा चेहरा, और आईने में तेरी ही सुरत नजर आती है।
बहुत मुश्किल हैं सभी को खुश रखना, चिराग जलाते ही अंधेरे रूठ जाते हैं।
आपकी कमी से मेरा दिल उदास हैं, पर मुझे तो अब भी आपके मिलने की आस हैं… जख़्म नहीं पर दर्द का एहसास हैं, ऐसा लगता हैं जैसे दिल का एक टुकड़ा आपके पास हैं।
जो पहली बार हुइ हैं वो आखिरी मोहब्बत हो तुम।
इतना आसान नहीं हैं जीवन का हर किरदार निभा पाना, इंसान को बिखरना पड़ता हैं रिश्तों को समेटने के लिए।
चाह कर भी बयां नहीं हो सकती, वो मोहब्बत जो एकतरफा हो।
क्युँ मुश्किलों में साथ देते हैं दोस्त, क्युँ गम को बांट लेते हैं दोस्त, ना रिश्ता खून का ना रिवाज से बंधा, फिर भी ज़िन्दगी भर साथ देते हैं दोस्त।
यादों की कीमत वो क्या जाने, जो खुद यादों को मिटा दिया करते हैं, यादों की कीमत तो उनसे पुछो, जो यादों के सहारे ही ज़िन्दगी बिता दिया करते हैं।
वक्त कभी दिखाई नहीं देता, लेकिन वक्त बहुत कुछ दिखा जाता हैं।
मुश्किल में ये सफर हुआ तेरे इंतजार में, कैसा अब ये पहर हुआ तेरे इंतजार में, ना शाम हुई न सहर हुआ तेरे इंतजार में, अब पानी भी जैसे जहर हुआ तेरे इंताजर में।
ना ढूंढ महोब्बत बाजारों में, ये कही बिकती नहीं… ये रहती हैं दिलों में, पर बेकदरों को ये दीखती नहीं।
भूल सकते हो तो भूल जाओ, इजाजत हैं तुम्हे, और ना भूल सको तो लौट आना, एक और भूल की इजाजत हैं तुम्हे।
लगा कर इश्क़ की बाज़ी, सूना हैं किसी को दिल दे बैठी हो, मोहब्बत मार डालेगी तुम्हे, अभी तुम फूल जैसी।
क्या कहे मेरे दिल को किस कदर भाते हो, आँख खुलते ही बस तुम ही नजर आते हो।
हमे क्या पता था की जिंदगी इतनी अनमोल हैं, कफ़न ओड़कर देखा तो नफरत करनेवाले भी रो रहे थे।
याद आयेगी हर रोज, मगर तुझे आवाज न दूंगा, लिखूंगा तेरे ही लिये हर लब्ज़, मगर तेरा नाम न लूंगा।
नहीं हैं हम इतने हसीन की हर किसी के दिल में बस जाए, पर जिसके साथ चल पड़े जिन्दगी उसी के नाम कर देते हैं।
ज़िंदगी के मायने तुझसे हैं, ज़िंदगी की सभी ख्वाहिशें तुझसे हैं, तू क्या जाने तू क्या हैं मेरे लिए, मेरी हर साँस का वजूद तुझसे हैं।
मेरी नज़र ने उसे सिर्फ दिल तक आने की इजाजत दी थी, मेरी रूह में समा जाने का हुनर उसका अपना था।
तुम ही हो वजह मेरे खालीपन की, और तुम ही गूंजते हो मुझमें हरदम।
बचाओ लाख दिल को मोहब्बत फिर भी हो ही जाती हैं, नज़र तो आखिर नज़र हैं इससे शरारत हो ही जाती हैं।
पर्दा गिरते ही खत्म हो जाते हैं तमाशे सारे, खूब रोते हैं फिर औरों को हँसाने वाले।
हम भी खामोश होकर तेरा सब्र आजमाएंगे, देखते हैं अब तुझे हम कब याद आएंगे।
कितना भी खुश रहने की कोशिश कर लो, जब कोई बेहद याद आता हैं तो सच मे बहुत रुलाता हैं।
बहुत कुछ चल रहा ज़ेहन में, आज आख़िरी रात आई हैं,
कर लें हसरतें पूरी जो थी अधूरी, दिल से ये आवाज़ आई हैं, हसरत सबसे बड़ी रही कि ज़िन्दगी गुज़रे तो बस तेरी बाहों में, आज मांगा ख़ुदा से यही तो उसे पूरा करने मेरी मौत आई हैं।
वो हर कल्पना में तुमको बसाना, वो हक सारे अपने तुम पर जताना, क्या भूले हो तुम कुछ, ज़रा ये बताना मुझे याद है, आज भी वो गुज़रा ज़माना।
ऐसे माहौल में दवा क्या हैं,,, दुआ क्या हैं,,, जहाँ कातिल खुद पूछे,,, कि हुआ क्या हैं।
वो बेवफा हमारा इम्तेहा क्या लेगी, मिलेगी नज़रो से नज़रे तो अपनी नज़रे ज़ुका लेगी।
तकदीर ने चाहा जैसे ढल गये हम, बहुत संभल के चले फिर भी फिसल गये हम, किसी ने विश्वास तोड़ा किसी ने दिल, और लोगों को लगता हैं की बदल गये हम।
नाज़ुक लगते थे जो हसीन लोग, वास्ता पड़ा तो पत्थर निकले।
न खेल मेरे टूटे दिल से, और दिल के जज़्बातों से, इतनी बुरी तरह टूटा हैं ये दिल कि, अब डर लगता हैं इश्क़ की बातों से।
काश कभी मेरी भी कोई दूआ कबूल हो, मैं रात को ख़्वाब में देखु तुम्हें, और सुबह तुम मेरी जिंदगी में शामिल हो जाओ।
तेरे गुस्से पर भी आज हमें प्यार आया हैं, चलो कोई तो हैं जिसने इतने हक से हमें धमकाया हैं।
बहते अश्कों की ज़ुबान नहीं होती, लफ़्ज़ों में मोहब्बत बयां नही होती, मिले जो प्यार तो कदर करना, किस्मत हर किसी पर मेहरबान नहीं होती।
मसअला ये नही की, मैं उसे भूल नहीं सकता, मुद्दा ये हैं कि मुझे उसे भूलना क्यों हैं।
मोहब्बत तो मोहब्बत हैं, हमेशा तुमसे ही रहेगी, फिर चाहे तुम नाराज हो, बेरुखी दिखाओ, खामोश हो जाओ, जलाओ, या भूल जाओ।
चुपके से धड़कन में उतर जायेंगे, राहे उल्फत में हद से गुजर जायेंगे, आप जो हमे इतना चाहेंगे, हम तो आपकी साँसों में पिघल जायेंगे।
जो भी करो शिद्दत से करो… इश्क़ राधा सा… और इंतज़ार मीरा सा।
जान जब प्यारी थी तब दुश्मन बहुत थे, अब मरने का शौक हैं तो, कोई कातिल नहीं मिलता।
मत किया कीजिये दिन के उजालों की ख्वाहिशें, ये जो आशिक़ों की बस्तियाँ हैं यहाँ चाँद से दिन निकलता हैं।
तुम मेरी गली से गुजरने का एक वक़्त तय कर लो, पैर दुखते है मेरे दरवाजे पर खड़े—खड़े।
मुझसे क्यो पूछते हो सुकून क्या होता हैं, हम तो अपना सुकून उनके नाम कर बैठे हैं।
शाम की लाली रात का काजल सुबह की तक़दीर हो तुम, हो चलता फिरता ताजमहल सांसे लेता कश्मीर हो तुम।
तेरी एक मोहब्बत भरी नजर की ख़ातिर, बार बार हम ने सवारा हैं खुद को।
रिश्तों में इतनी बेरुख़ी भी अच्छी नहीं हुज़ूर, देखना कहीं मनाने वाला ही ना रूठ जाए तुमसे।
सफर वहीं तक हैं जहाँ तक तुम हो, नजर वहीं तक हैं जहाँ तक तुम हो, हजारों फूल देखे हैं इस गुलशन में मगर, खुशबू वहीं तक हैं जहाँ तक तुम हो।
तेरी मोहब्बत को कभी खेल नही समझा, वरना खेल तो इतने खेले हैं कि कभी हारे नहीं।
Post a Comment
Post a Comment