Latest Love Shayari Collection in Hindi: True Love Shayari

Post Content: Love Shayari, शायरी लव रोमांटिक, Love Aaj Kal, Love Shayari in Hindi, Love Quotes in Hindi, Love Status in Hindi, Best Hindi Shayari, Best Hindi Status, Love Shayari for Gf, Love Shayari in Hindi for Girlfriend, Romantic Love Shayari, True Love Quotes in Hindi, True Love Status in Hindi, True Love Shayari, Top Love Shayari, Top Love Quotes, Top Love Status in Hindi.
Love Shayari

Post Content: Love Shayari, शायरी लव रोमांटिक, Love Aaj Kal, Love Shayari in Hindi, Love Quotes in Hindi, Love Status in Hindi, Best Hindi Shayari, Best Hindi Status, Love Shayari for Gf, Love Shayari in Hindi for Girlfriend, Romantic Love Shayari, True Love Quotes in Hindi, True Love Status in Hindi, True Love Shayari, Top Love Shayari, Top Love Quotes, Top Love Status in Hindi.


तुम्हारी एक प्यारी सी "Kiss" भी मेडिसिन की तरह काम करती है, दिल मे वही जाकर राहत पहुंचाती है जहाँ दर्द होता है।


कोई कहता है प्यार नशा बन जाता है, कोई कहता है प्यार सज़ा बन जाता है, पर प्यार करो अगर सच्चे दिल से, तो वो प्यार ही जीने की वजह बन जाता है।


अच्छा है मुखौटो की जगह अब इमोजी ने ले ली, वरना थक जाते चेहरा बदलते बदलते।


मै तो रोज आता हूँ मुस्कुराता हुआ घर… लेकिन वो कौन है जो आईने में उदास दिखता है।


बेशक तुम्हारे चाहने वाले बहुत होंगे ये माना हमने, पर कोई तुम्हारी नफ़रत से भी मोहब्बत करे तो कहना हमे।


जरूरत और ख्वाहिश दोनों ही तुम हो, खुदा जब मेहरबाँ होगा तब कोई एक तो पूरी होगी।


किसी की चंद गलती पर न कीजिये कोई फैसला, बेशक कमियां होगी, और कुछ खूबियां भी तो होगी।


मांग लू तुझे खुदा से इतनी कहां औकात थी, प्यार दे सकता था तुझे... बस पैसा नहीं, यही एक कमी थी।


हुस्न का हक है रूठना… और इश्क़ का फ़र्ज़ है मनाना।


अब तो खुदा ही बताए कैसे मुकम्मल होगा मेरा इश्क़, शायरी वो समझते नही और अदाए हमे आती नही।


मुझसे मोहब्बत के झूठे दावे करने वालो, मैं आज भी अपने बेवफा यार को चाहती हूँ।


प्यार का साज़ दे रहा हूं तुम्हें, दिल का राज दे रहा हूं तुम्हें, ये शायरी,,, गजल सब बहाने है मैं तो आवाज़ दे रहा हूं तुम्हे।


जो मेरा था वो मेरा हो नहीं पाया, आँखों में आँसू भरे थे पर मैं रो नहीं पाया।


एक दिन उन्होंने मुझसे कहा कि हम मिलेंगे ख़्वाबों में, पर मेरी बदकिस्मती तो देखिए, उस रात तो मैं खुशी के मारे सो भी न पाया।


बहुत ही खूबसूरत है तेरे एहसास की खुशबू, जितना भी सोचते है उतना ही महक जाते है।


सर का दर्द नहीं रौनक-ए-महफिल है हम, मुद्दतों याद रखोगे की जिंदगी में कोई आया था।


कोई किसी का नही है दुनिया में, जो लोग श्मशान में दफनाने जाते है, वो भी कुछ दिनों में भूल जाते है कि कब्र कौन सी है।


तेरी यादें जैसे कांच का टुकड़ा... और मेरा इश्क नंगे पैर।


किसी पे मर जाने से शुरू होती है मोहब्बत, इश्क जिन्दा लोगों का काम नहीं है।


इरादा कत्ल का था तो सर कलम कर देते तलवार से, क्यू इश्क़ में डाल के तुमने हर सांस पे मौत लिख दी।


यहाँ राख भी रख दो तो पारस बन जाता है, ऐसे ही नहीं कोई मोहब्बत का शहर बन जाता है।


ज़हर पिलाकर अपने हाथो से कहने लगे वो, आओ बाहो मे की मैं दम तोड लेने की हसरत पूरी कर लूं।


जब इतने अच्छे होने पर सबको इतनी शिकायत है, हमसे जब सच में बुरे होते तो क्या होता।


एक उम्र जिया है तकलीफों को, अब जो तकलीफ ना हो तो तकलीफ़ होती है।


काग़ज़ के टुकड़े को तो समेट लेंगे हम, बताओ इस टूटे दिल का क्या करूं।


आजकल का प्यार तो जिस्मानी हो गया है, अगर किसी से सच्चा प्यार करो तो जिस्म का भूखा समझते है।


सफर वहीं तक है जहां तक आप हो, मोहब्बत वही तक है जहां तक आप हो, बहुत आशिक़ देखे है हमने, मगर आशिक़ी वही तक है जहां आप हो।


दर्द मिलेगा तुझसे प्यार करके तो वो दर्द भी कबूल करते है,


बस छोड़ कर जाने से पहले, तेरे हाथों से अपनी मौत की तारीख तय करते है।


मजबूरी में जब कोई जुदा होता है, जरूरी नही की वो बेवफा होता है देकर तुम्हारी आँखों मे आँसू… वो तुमसे कहीं ज्यादा रोता है।


तरसती है आंखें और रोता है दिल, क्या करें अब तुम्हारे बिना ये जिंदगी जीना है मुश्किल।


तेरा ना मिलना मेरा नसीब ही सही, मेरी किस्मत मे लिखा है तुमको बेहद चाहना।


समय एक सा नहीं रहता यारो, सबका बदलता है, जो कपड़े अंग्रेजों के गवर्नर, पहनकर लोगों को डराते थे, अब हमारे यहाँ बैंड वाले वही कपड़े पहनते है।


नजर मिले तो प्यार हो जाता है, पलके उठे तो इज़हार हो जाता है, न जाने क्या कशिश है तेरी चाहत में, कि कोई अनजान भी हमारी जिंदगी का हकदार हो जाता है।


क़यामत टूट पड़ती है ज़रा से होंठ हिलने पर, जाने क्या हस्र होगा जब वो खुलकर मुस्कुरायेंगे।


तन्हाई ले जाती है जहाँ तक याद तुम्हारी, वही से शुरू होती है जिंदगी हमारी, नहीं सोचा था हम चाहेंगे तुम्हें इस कदर, पर अब तो बन गए हो तुम किस्मत हमारी।


मोहब्बत है उसे पर वो कह नही पाता, इस बात का अहसास हर वक़्त है वो करवाता।


देखकर मेरी शक्ल उसने फैसला कर दिया, काला कह उसने खुद को मेरी नजरो गिरा लिया।


मोहब्बत में बेवजह लड़ाई वही करता है, जिसमे मोहब्बत कूट—कूट के भरा होता है।


जिस—जिस ने मुहब्बत में, अपने महबूब को खुदा कर दिया, खुदा ने अपने वजूद को बचाने के लिए, उनको जुदा कर दिया।


हमने न रखी तेरे सिवा… किसी और से मोहब्बत की आस, एक तू ही बहुत है मुझे… जिंदगी भर तड़पाने के लिए।


सोचता हूँ न किया करूँ अपने दर्द—ए—दिल को शायरी में बयां, लोग और टूट जाते है, हर लफ्ज़ को अपनी दास्तान समझकर।


हमारी तकलीफों का इलाज नहीं, क्योंकि हमारे दर्दे दिल की दवा हमारे पास नहीं।


गज़ब का हुनर है मेरे शहर के हकीमों में, नब्ज पकड़ी और कहा मुझे रोग—ए—इश्क हुआ है।


वो मोहब्बत कभी सच्ची नहीं होती है, जिसमें आप कभी "ब्लॉक" न हुए हों।


कभी हुआ जो उनसे सामना तो कह देंगे, मोहब्बत में जो हार जाते है, वो मर नहीं जाते।


नुमाइश करने से चाहत नही बढ़ जाती, मोहब्बत वो भी करते है जो इज़हार तक नहीं करते।


आँखों में देख कर वो दिल की हकीकत जानने लगे, उनसे कोई रिश्ता भी नहीं फिर भी अपना मानने लगे, बन के हमदर्द कुछ ऐसे उन्होंने हाथ थामा मेरा, कि हम खुदा से दर्द की दुआ मांगने लगे।


निभाना जिसे कहते है वो कुछ ही लोगों को आता है, बहुत आसान है ये कहना कि मुझे तुमसे मोहब्बत है।


कितना प्यार है तुमसे, कैसे तुम्हे बताऊँ, महसूस करो मेरे एहसास को, अब गवाह मैं कहाँ से लाऊँ।


इश्क़ पूरा समझना है तो, इश्क़ अधूरा करो।


हमसफ़र तो है कई पर तुझसा हसीन साथ नहीं, साथ गुजरे वो लम्हे... वो दिन... अब वो रात कहां।


मोहब्बत में अगर मति ना मारी जाए, तो समझो मोहब्बत नहीं वहम हुआ है।


खुशीयाँ तकदीर में होनी चाहिये, तस्वीर मे तो हर कोई मुस्कुराता है।


नहीं है हम इतने हसीन की हर किसी के दिल में बस जाए, पर जिसके साथ चल पड़े जिन्दगी उसी के नाम कर देते है।


शायद किस्मत का खिलौना—ए—खास हूं मैं, इसलिए बार—बार जोड़ती है सिर्फ तोड़ने के लिए।


ना जाने वो कौन से धागे से बंधे है हम, दूर जायें तो टूटने का डर है, और पास आयें तो उलझने का डर है।


ताला लगा दिया दिल को, अब तेरे बिन किसी का अरमान नहीं, बंद होकर फिर खुल जाए, ये कोई दुकान नही।


मैं भिखारी भी बन गया उसकी खातिर, पर फिर भी वो मेरी झोली में आकर ना गिरी।


एक ख्याल ही तो हूँ मैं, याद रह जाऊँ तो याद रखना, वर्ना… सौ बहाने मिलेंगे भूल जाना मुझे।


चेहरे की हंसी से गम को भुला दो, कम बोलो पर सब कुछ बता दो, ख़ुद रूठो पर सबको हँसा दो, यही राज है जिन्दगी का जियो और जीना सिखा दो।


होठों से कह नहीं सकते तो न सही… आँखों से वो लफ्ज़ बयाँ करो, जरूरी नहीं किसी को पुकारना... बस पीछे मुड़ कर देखा करो।


मेरे ख़्याल मेरे लफ्ज़ बस तेरे लिए है… होंठों को तुम अपने कभी ख़ामोश न करो।


सदाकत भी इबादत भी अदब की इब्तिदा कर दो… खुदा बन जाओ मेरे या कि फिर मुझको अलविदा कह दो।


ज़माने को शिकायत है ज़माने की नहीं सुनते… ज़माने का कहा मानो ज़माने से जुदा कर दो।


तेरे दिल की धड़कनों में कोई और बसा है तो क्या, पागल दिल को संभालना हम बखूबी जानते है।


तेरी आँखों मे चहेरा किसी और का बसा है तो क्या, टूटे ख़्वाबों में मुस्कुराना हम बखूबी जानते है।


बेकरार तेरा मन किसी और के इंतज़ार में है तो क्या, बिन कहे मोहब्बत करना हम बखूबी जानते है।


मौन किसी मानव की कमजोरी नहीं उसका बड़प्पन होता है,वरना जिसको सहना आता है उसको कहना भी आता है।


कौन कहता है कि… दिल सिर्फ सीने में होता है, तुमको लिखूँ तो… मेरी उँगलियाँ भी धड़कती है।


बहुत लम्बी खामोशी से गुज़रा हूँ मैं, किसी से कुछ कहने की कोशिश में।


तुम्हारी तारीफ में एक लफ्ज़ मुझे मिलता ज़रूर है, तुम कोई सा भी रंग पहनो, तुम पर खिलता ज़रूर है।


मोहब्बत तेरी सूरत से नही तेरे किरदार से है, शौक-ऐ-हुश्न होता तो बाजार चले जाते।


इत्र से कपड़ों को महकाना बड़ी बात नहीं, मज़ा तो तब है जब खुशबू आपके किरदार से आये।


घायल कर के मुझे उसने पूछा, करोगे क्या फिर मोहब्बत मुझसे, लहू-लहू था दिल मेरा मगर होंठों ने कहा बेइंतहा-बेइंतहा।


तेरी यादें… तेरी बातें… बस तेरे ही फसाने है… हाँ कबूल करते है, कि हम तेरे दीवाने है।


इक दिन बिक जाएगा, माटी के मोल, जग में रह जाएंगे, प्यारे तेरे बोल दूजे के होंठों को, देकर अपने गीत कोई निशानी छोड़, फिर दुनिया से डोल, इक दिन बिक जायेगा, माटी के मोल।


ये इश्क तो काफ़िरों से भी ज्यादा ज़ालिम निकला, वो मुर्दों को जलाते है ये जिन्दो को जलाता है।


हमने लाख समझाया कि यूं ना मिलो गैरों से,,, वो हंस के कहने लगे तुम भी तो पहले गैर थे।


बेनाम सा ये दर्द ठहर क्यूँ नहीं जाता जो बीत गया है वो गुज़र क्यूँ नहीं जाता।


कितनी खूबसूरती होती है उस रिश्ते में, जो बंधा इश्क से हो, उसे संवारा दोस्ती से हो।


ये मोहब्बत का हफ्ता है, या हफ्ते भर की मोहब्बत है।


ना दिल के जज़्बात अलग थी… ना मोहब्बत के अंदाज़ अलग थे, बात लकीरों की थी, तेरे हाथ अलग थे... मेरे हाथ अलग थे।


तेरी यादें मुझे इस कदर मुतासीर कर गई, मैं सोता भी हूँ तो तुम ही नजर आती हों।


पागल हो जाने का भी गजब फायदा है, लोग पत्थर तो उठाते है मगर उँगली नही।


तुम अपने ज़ुल्म की इन्तेहाँ कर दो, न जाने… फिर कोई हम सा बेजुबां मिले ना मिले।


खरीद लो मेरी साँसे मुझे तुम में कुछ और जीना है।


एक चेहरा था... दो आंखें थी... हम भूल पुरानी कर बैठे,,, एक किस्सा जी कर खुद को ही,,, हम एक कहानी कर बैठे।


नही आता तेरी मोहब्बत को छिपाना मुझे, तेरी खुशबू मेरी हर शायरी मे बसा करती है।


जज़्बातों से रिश्तों की डोर जोड़ी है, तुझे चाहने की सारी हदें हमने छोड़ी है, दी मुझे आजादी तेरे ढंग से जीने की, गर बांध लिया तुझको तो वो प्यार थोड़ी है।


सफर वहीं तक है जहां तक आप हो, मोहब्बत वहीं तक है जहां आप हो, बहुत आशिक़ देखे है हमने, मगर आशिक़ी वहीं तक है जहां आप हो।


यूं आंसू ना बहाना कर, ये मोती है मेरे, तेरे अन्दर बंद हूं पलके गिरा यार मेरे।


जहां रुक जाऊं... वहीं मिल जाना तुम इस भीड़ में मुझे, कोई अपना भी चाहिए।


आज फिर से तेरी यादों का मेरे दिल में उठा बवंडर है, वही मौसम... वही सर्दी... फिर वही दिलकश नवंबर है।


किसी ने कहा इश्क में मत पड़ना... यह आग का दरिया है, मैंने कहा छोड़ो… यही तो जीने का जरिया है।


अपने क़दमों के निशान मेरे रास्ते से हटा दो, कहीं ये ना हो कि मैं चलते चलते तेरे पास आ जाऊं।


जब निकलती है सांस तो फिर आखिरी सी लगती है, ये मुहब्बत भी क्या है बस जिंदगी सी लगती है।


कुछ लोगों से मोहब्बत इस कदर हो जाती है, उनको दिल से निकाले तो,,, जान निकल जाती है।


क़यामत टूट पड़ती है ज़रा से होंठ हिलने पर, जाने क्या हस्र होगा जब वो खुलकर मुस्कुरायेंगे।


चुस्कियां चाय की आज जरा बहकी हुई है, गर्म मेरे मिजाज सी और नशा तेरे इश्क सा है।


मेरी दिल की धड़कन आपसे जुड़ी है, मेरी मुस्कुराने की वजह आपसे जुड़ी है, अब तो आप समझ लीजिए… मुझे आपसे कितनी मोहब्बत है।


ये कैसी चाहतें पाल रखी है लोगों ने… अगर पूरी ना हो तो नफरत में बदल जाती है।


वो कहने लगी नकाब में भी पहचान लेते हो हजारों के बीच, मैंने मुस्करा के कहा... तेरी आँखों से ही शुरू हुआ था इश्क, हज़ारों के बीच।


धारा तीन सौ सात लगनी चाहिए तेरी निगाहों पर, यूँ देखना भी तो कत्ल की कोशिशों में शुमार होता है।


पाँच सीढ़ियाँ संबंधों की देखना, अच्छा लगना, चाहना, पाना, ये चार बहुत सरल सीढ़ियाँ है, सबसे कठिन पाँचवी सीढ़ी है… "निभाना"।


यूह तो कई किताबें पढ़ी जेहन में,,, मग़र महफ़ूज़ एक सादा वरक देर तक रहा।


ऊपर वाले का शुक्रिया है कि उसने ख्वाब बना दिये, वरना तुम्हें देखने की बस हसरत ही रह ही जाती।


तू हजार बार रुठेगी फिर भी तुझे मना लूँगा, तुझसे प्यार किया है कोई गुनाह नही, जो तुझसे दूर होकर खुद को सजा दूँगा।


मेरी आंखें तरस गई तुझे देखने के लिए, एक बार आके अपना चेहरा तो दिखा दे, इंतजार तो तेरा मैं पूरी जिंदगी कर लूंगा, बस एक बार तू अपने आने की तारीख तो बता दे।


यूँ प्यार नही छुपता पलकों को झुकाने से, आँखो के लिफाफों मे तहरीर चमकती है।


छोड़कर जाना सोची समझी साजिश थी, वर्ना तुम तो झगड़ा भी कर सकती थी।


सारी दुनिया की खबर रखते हो, बस मुझसे ही बेखबर रहते हो।


एक टीका बचपन में मोहब्बत की रोकथाम का भी लगाना था, सबसे ज्यादा मरीज तो इसी बीमारी के है।



Post a Comment