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Dard-E-Dil Shayari |
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Dard-E-Dil Shayari || Dard Bhari Shayari Hindi Mein
न जाने कितनो का कत्ल कर चुकी है, एक मुकदमा तेरी आंखों पर भी होना चाहिए..!!
हमने अकेले ही पूरा किया है कायनात तक का सफर, तुम्हारे बाद हमने किसी को अपना हमसफर नही बनाया..!!
आज गुज़रा जो तेरा ख्याल हदों के पार, सारा शहर भींग गया आंखों से इतनी बरसात हुई..!!
तुझे गए जमाना बीत गया, मगर आज भी दिल को खुद से ज्यादा तेरी फ़िक्र रहती है..!!
जितना चाहे मजाक बना लो मेरी मोहब्बत का, मैं तुम्हारी आबरू का तमाशा कभी नही बनने दूंगा..!!
संवर रही है वो आज किसी और की मोहब्बत में, कल तक जिनकी सादगी पर हम मरा थे..!!
अगर तू वजह न पुछे तो एक बात कहूं, बिन तेरे अब हमसे जिया नही जाता..!!
नज़र घायल, जिगर छलनी, जुबां पर सौ-सौ ताले है, इश्क़ करने वालों के मुकद्दर भी क्या खूब निराले हैं..!!
चाहने वाले तो मिलते ही रहेंगे तुम्हे उम्रभर, मगर तुम जिसे भूल न पाओ यकीनन वो प्यार हमारा होगा..!!
मैं आह भरुँ और उन्हें खबर हो जाए, काश कि मोहब्बत में ये मकाम मेरा होता..!!
फ़र्ज़ मोहब्बत का अपनी अदा करता रहूंगा, तुम पूछो या न पूछो खैरियत मेरी, तुम खुश रहो हमेशा यही दुआ करता रहूंगा..!!
हमने उन्हें बिना रोके जाने दिया… करते भी क्या दास्तानें मोहब्बत सुनाकर, ख़ामोशी वो समझते नही... और बयां हम कर नही पाते..!!
जब हुआ एहसास उन्हें गमे मोहब्ब्त का, मेरे पास आकर रोते रहे, और हम भी इतने खुद गर्ज़ निकले यारों कि आँखे बंद कर के कफ़न में सोते रहे..!!
मोहब्बत क्या होता है हमें क्या मालूम, ये तो वो रिश्ता है जो मेरा उनसे, और उनका किसी और से है..!!
ना अपने साथ हूँ न तेरे पास हूँ, बस यही हाल है दिल का मैं इन दिनों उदास हूँ..!!
हज़ार कमियां नजर आती है जिन्हें आज हम में, कभी उन्होंने ही कहा था बहुत प्यारे हो तुम..!!
रोने से अगर मिलती चाहत इस ज़माने में, तो आज इस कदर हम रुसवा न होते..!!
मुझे छोड़कर वो खुश है, तो अब शिकायत कैसी, मैं उन्हें खुश भी न रख सकूं तो मोहब्बत कैसी..!!
क्या कमाल की मोहब्बत की थी उसने मुझसे, अचानक शुरू हुई और फिर एक दिन बिन बताये ही ख़त्म हो गई..!!
मेरी गलती बस इतनी सी थी कि मैंने उन्हें खुद से भी ज़्यादा जरुरी समझा..!!
मत पूछो यारों कि दर्दे मोहब्बत क्या होता है, जो रुलाता है उसी के गले लगकर रोने का दिल करता है..!!
उस मोड़ से, फिर से शुरू करनी है कहानी जिंदगी की, जहां सारा जहान अपना था और तुम अजनबी..!!
अपनी तन्हाई के साथ तन्हा ही अच्छा हूँ, मुझे ज़रूरत नहीं दो पल के सहारो की..!!
किसी से मिलो तो ऐसे मिलो कि उससे बिछड़ों भी तो उसे याद करके रोना न आये..!!
डूबा है मेरा बदन मेरे ही खून में, ये कांच के टुकड़ों पे भरोसे की सज़ा है..!!
जिसे समझते थे ज़िन्दगी वो एक फरेब था, मुझे मुस्कुराना सीखा के वो मेरी रूह तक रुला गया..!!
दर्द दिलों के कम हो जाते, मैं और तुम गर हम हो जाते, कितने हसी आलम हो जाते, मैं और तुम गर हम हो जाते..!!
वो तेरे लिखे खत और तस्वीर तेरी, बहुत दर्द देती है मुझको निशानियाँ तेरी..!!
बेखबर, बेवजह बेरुखी से ना पेश आया कर, कोई टूट जाता है तेरा लहजा बदलने से..!!
जब किसी से बेइंतहा मोहब्बत हो जाए, तो वो मोहब्बत खुशियां कम और गम ज्यादा देती है..!!
सिकवा ज़िन्दगी से नहीं कि उसने गम का आदी बना दिया, गिला तो उनसे है जिन्होंने रौशनी की उम्मीद दिखा के जलता दिया भी बुझा दिया..!!
जरूरी नहीं सिर्फ ख़ुशी देने वाले से ही मोहब्बत हो, मोहब्बत तो अक्सर दिल तोड़ने वाले से भी हो जाया करती है..!!
मैं नासमझ ही सही मगर वो तारा था, जो तेरी एक ख्वाइश के लिए हजार बार टूट सकता था..!!
दर्दे जुदाई जुदा होता है हर दर्द से, इसमें एक लम्हा जीने के लिए सौ बार मरना पड़ता है..!!
इतना भी दर्द न दे ऐ जिंदगी, इश्क़ ही तो किया था कोई क़त्ल तो नहीं..!!
काश कि वो आए और हमें गले लगाकर कहे, यार मेरा भी दिल नहीं लगता तेरे बिना..!!
नफरत मत करना हमसे हमें बुरा लगेगा, बस प्यार से कह देना तुम्हारी जरूरत नही, हम खुद ही तुमसे बहुत दूर चले जाएंगे..!!
दिन भर भटकते रहते है तुझे मिलने का अरमान दिल में लिए, न तुम मिलते हो न ही इस दिल को आराम मिलता है..!!
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